Search This Blog

Monday, October 28, 2024

Eyewitness report of pathetic Indian economy

Baba

Eyewitness report of pathetic Indian economy

(Non-Hindi readers can access this using Google Translate etc)

~ The below is courtesy of WhatsApp Forums ~

जो सामने मैं होता देख रहा हूं उसे आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हूं :*

*1) मैंने भिलाई स्टील प्लांट (सेल) 1997 में ज्वाइन किया था तब प्लांट में लगभग 40000 कर्मचारी थे । सभी को उनकी सीनियोरिटी एवं पद के हिसाब से बराबर सेलरी मिलती थी । इस समय ठेका श्रमिक (Contract Labours) नहीं थे... नियमित कर्मचारी (Permanent employees) अपने 2-3-4 बच्चों एवं माता -पिता के साथ जीवन व्यतीत करते थे ।*

*2) इनकी सेलरी आस-पास के छोटे और मध्यम किसम के राशन /कपड़े /एवं अन्य दैनिक जीवन में इस्तेमाल किए जाने वाले वस्तुओं के दुकानों में खर्च हुआ करते थे ।*

*3) मतलब इनकी सेलरी से दुकानदार अपना एवं अपने पूरे परिवार का खर्च वहन करते थे ।*
*.....तब रूपिया एक सर से दूसरे सर से तीसरे चला करता था ।*

*4) आज 27 वर्ष बाद भिलाई स्टील प्लांट में नियमित कर्मचारी लगभग लगभग 11000 हैं। इन्हें ठीक-ठाक सेलरी मिलती है।*

*5) इनमें से अधिकांश कर्मचारी माह के शुरुवात में कार से राशन एवं अन्य जरूरी चीजें लेने डी मार्ट / माल चले जाते हैं।*

*6) संख्या के हिसाब से आज भी भिलाई स्टील प्लांट में काम करने वालों की संख्या लगभग 40,000 ही‌ है, बदलाव ये है कि अब 11000 नियमित कर्मचारी ( Permanent Employees) एवं लगभग 30,000 ठेका श्रमिक ( Contract Labours) हैं।*

*7) मतलब नियमित की जगह मजदूरों की बाढ़ है इनमें से बहुत से ग्रेजुएट /पोस्ट ग्रेजुएट हैं। ये जो ठेका श्रमिक हैं इन्हें सेलरी बहुत कम मिलता है ।*

*8) ये मजदूर आस-पास के गांवों में रहते हैं, छोटे-छोटे दुकानों से रोज 50-75 रुपये का राशन लेते हैं ।*

*9) मतलब नियमित कर्मचारी (ज्यादा सेलरी) वाले बड़े मार्टों से सामान एवं मजदूर (कम रोजी वाले )छोटे-छोटे दुकानों से सामान ।.... यहां (इकानामी का) रुपयों का केंद्रीय करण हो रहा है। गरीबी-अमीरी की खाई लगातार बढ़ रही है।*

*10) और यह अमीरी-गरीबी की खाई हिन्दु-मुस्लिम वाली सरकार में लगातार तेजी से बढ़ रही है।*

*11) तब इंडिया 5वीं इकानामी हो भी जाय तो क्या फर्क पड़ता है।*
 
*12) भिलाई स्टील प्लांट में मजदूरों का बढ़ना ही रोजगार है तो आप ताली-थाली बजाकर कोरोना वायरस (बेरोजगारी)भगा सकते हैं। आपको मुबारक हो ।...प्रउत कभी ऐसा नहीं कहता है।*

*13) अगर युवा स्किल नहीं है तो स्किल बनाने का काम भी सरकार का ही है।*

*14) रही बिज़नेस स्टैंडर्ड की व जार्ज सोरोस की ऐसे कैरेक्टर के हमारे देश में अडानी-अंबानी, जिंदल, शिव नाडर आदि जैसे कई हैं ।*

*15) कैपिटेलिस्ट कहीं का भी हो लूटेगा ही और उसके द्वारा पाली-पोसी गई सरकारें एजेंट का ही काम करेगी ।*

---------------------------------------
*नोट : मेरा प्रहार वर्तमान व्यवस्था पर है आंकड़ों पर नहीं। यह साक्षात दिख रहा है : बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई, असमानता लगातार बढ़ ही रही है।*

- Subodh Deo, from Durga City

~ The above is courtesy of WhatsApp Forums ~


SUBJECTS TOPICS