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Friday, October 30, 2015

Humans have prepared their own funeral pyre + 4 more

Baba

This email contains five sections:
1. Bangla Quote: ইংরেজি incantation শব্দটা ঠিক মন্ত্রের প্রতিভু নয়
2. PS #1803: मैं हमेशा अपना गुणगान गाने में ही व्यस्त रहता था
3. Fight and peace are linked - Ananda Vanii
4. End Quote: Humans have prepared their own funeral pyre
5. Links



ইংরেজি incantation শব্দটা ঠিক মন্ত্রের প্রতিভু নয়

“মন্ত্র জিনিসটা আসলে হচ্ছে কি ? আমি উপায় না পেয়ে, ইংরেজিতে মন্ত্রের জন্য incantation শব্দটা ব্যবহার করেছি | কারণ যদি মূল ৰাংলা ব্যবহার করতাম, তাহলে মন্ত্র-শব্দটাই ব্যবহার করতাম | কারণ, ইংরেজি incantation শব্দটা ঠিক মন্ত্রের প্রতিভু নয় | ইংরেজিতে বা Roman-এ আমি ঠিক উপযুক্ত শব্দ কোনও খুঁজে পাইনি | Incantation শব্দটা হচ্ছে এমন কোনও একটা জিনিস যা মানুষ ৰার-ৰার ব্যবহার করে | এর ৰেশি কিছু ৰলা যায় না | কিন্তু সংস্কৃত বা ৰাংলা মন্ত্র শব্দটার মানে ৰলা হচ্ছে-- “মননাৎ তারয়েৎ যস্তু সঃ মন্ত্রঃ পরিকীর্ত্তিতঃ” | যাকে মনন করলে অর্থাৎ ৰার-ৰার ভাবলে, মানুষ ত্রাণের রাস্তা পেয়ে যায়, তাই  হ'ল মন্ত্র |”
(1)

Reference
1.
Morning General Darshan, 14 Nov 1979, Silchar, W.B.


== Section 2 ==


मैं हमेशा अपना गुणगान गाने में ही व्यस्त रहता था

प्रभात संगीत
1803 आमार कथा ढेर होयेछे , तोमार कथाइ शुधु बोलो.... ...

भावार्थ

 हे परमपुरुष! तुम इस संसार में  सबसे प्रिय और आकर्षक परम चैतन्य  हो। फिर भी अज्ञानता के कारण मैं अब तक , अपने मे ही बहुत केन्द्रित था। मैं केवल अपने अहं तक ही मोहित था और मेरा पूरा अस्तित्व मेरे चारों ओर ही घूमता रहता था। इस प्रकार अपने तक केन्द्रित रहकर मेरा जीवन व्यर्थ चला गया। हे मेरे प्रभु! अब कृपा कर  अपने नित्य स्वरूप के बारे में कुछ तो समझाओ,  तुम सर्वोपरि हो। तुम्हारी दया अनन्त है, आज तुमने, मुझमें, तुम्हें अनुभव करने की इच्छा जगा दी है। कृपा कर अपनी ब्रह्म-लोक की  कहानियाॅं सुनाइये और मेरा जीवन सार्थक कर दीजिये। हे करुणा सागर ! अपनी आभा के प्रवाह में मुझे नहला कर, अपना परम सत्य बरसा कर, आध्यात्मिक ज्ञान  का आशीष देकर, कृपया  अपने रास्ते, अनंद के रास्ते ,अलौकिक संतृप्तता के रास्ते, पर ले चलो।

 हे बाबा ! मेरे प्रिय परम पुरुष! पहले मैं अपने ही गीतों, अपने में ही व्यस्त रहते हुए अपने ही गुणगान और महत्व में डूवा रहता था। बारबार मैं आत्मश्लाघा, शेखी मारने
  में ही मस्त रहता था। इस प्रकार मेरा जीवन नष्ट हो गया। मैं केवल अपने अहं की तुष्टि में ही लगा रहा। तुम्हारी कृपा से अब मैंने तुम्हारे नाम की नाव तैरा दी है। तुमने कृपा कर मेरे जीवन में पदार्पण किया है। तुम्हारी कृपा विना यह संभव ही नहीं था। कृपया, अपनी रागनी की पतवार मुझे दे दो ताकि मैं तुम्हारी कृपा से अपने लक्ष्य, ‘तुम‘ तक पहुंच सकॅूं।

हे सुंदर! हे परमपुरुष बाबा! केवल तुम  ही  नित्य  हो। तुम्हारी कृपा से मैं अब जानता हॅूं कि अन्य सब क्षणिक हैं। तुम अकेले ही अलौकिक रूपसे  प्रकट होते हो। यह समग्र संसार तुम्हारी ही अभिव्यक्ति है। जब भी ज्वार आता है तब तुम ही नाव को तैरा देते हो यह तुम्हारा अलौकिक तरीका है। जब कोई इकाई जीव, मनुष्य जन्म पाता है तो तुम उसे साधना सिखा कर अपने दिव्य सरल रास्ते पर चलना सिखा देते हो।
अब तो मैं, तुम्हारे चरणकमलों में शरणागत हॅूं बाबा!


- Trans: Dr. T.R.S.

Note: If you would like the audio file of the above Prabhat Samgiita kindly write us.


== Section 3 ==

Fight and peace are linked - Ananda Vanii #18

“Peace is the result of fight. Peace-lovers of the universe must not keep themselves away from fight.”

Note: The above is one of Baba’s original Ananda Vaniis. These original and true Ananda Vaniis are unique, eternal guidelines that stand as complete discourses in and of themselves. They are unlike Fake Ananda Vaniis which are fabricated by most of the groups - H, B etc.


== Section 4 ==

Humans have prepared their own funeral pyre

“Due to the foolishness of human beings many creatures and objects will not survive the period fixed for them by nature. Prior to their stipulated period of longevity they will be swallowed up by eternity. Human beings due to their utmost folly have annihilated numerous objects and thus prepared their own funeral pyre. Such folly on the part of human beings is unbearable. Human beings must be cautious from now on. They must restructure their thoughts, plans and activities in accordance with the dictates of ecology. There is no alternative.” (1)

Reference
1. NHNS-2, How Cruel Human Beings Are! – Excerpt B


== Section 5 ==

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